उत्तर प्रदेश के जनपद-कुशीनगर में पूर्वोत्तर रेलवे स्टेशन के कठकुइयाँ के मुख्य मार्ग पर अवस्थित राम नारायण इण्टरमीडिएट कालेज, कठकुइयाँ, कुशीनगर इस ग्रामीण क्षेत्र में ज्ञान एवं शिक्षा के श्रेष्ठ केन्द्रों में से अग्रणी शिक्षण संस्था है।
इस ग्रामीण क्षेत्र में निरक्षरता को देखकर समाजसेवी एवं शिक्षाविद् श्री राम नारायण एवं उनकी धार्मिक पत्नी आदरणीय श्रीमती रामदेई देवी ने अपने इकलौते पुत्र श्री नरेन्द्र प्रताप के अट्ठारहवें जन्मदिवस पर 18 जुलाई 1983 को राम नारायण शिक्षा समिति, कठकुइयाँ, कुशीनगर एवं रामदेई देवी सेवा संस्थान, कठकुइयाँ, कुशीनगर की आधारशिला रखी।
उसी दिवस को प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक कक्षायें भी प्रारम्भ हुयी। वर्ष 1989 ई0 में राम नारायण शिक्षा समिति, कठकुइयाँ, कुशीनगर का पंजीकरण कराया गया। आगे चलकर सन् 2005 में रामदेई देवी सेवा संस्थान, कठकुइयाँ, कुशीनगर का पंजीकरण कराया गया। 7 जुलाई 1989 में संस्थापक श्री राम नारायण जी के महाप्रयाण के पश्चात् उनकी धार्मिक पत्नी श्रीमती रामदेई देवी ने संस्थान का उत्तरदायित्व ग्रहण करते हुए सन् 1994 ई0 में प्राथमिक कक्षाओं एवं सन् 1998 ई0 में पूर्व माध्यमिक कक्षाओं का सम्बद्धीकरण कराया।
अपने अथक प्रयासों से इस साहसी महिला ने सन् 2000 ई0 में हाईस्कूल की कक्षाओं एवं सन् 2001 ई0 में इण्टरमीडिएट की कक्षाओं का सम्बद्धीकरण कराया। अपने सम्पूर्ण जीवन में श्रीमती रामदेई देवी ने इस ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया लेकिन 7 फरवरी 2008 को उनका भी देहावसान हो गया।
श्रीमती रामदेई देवी के आकस्मिक निधन के पश्चात् श्री रमुना प्रसाद जी ने संस्थान का उत्तरदायित्व ग्रहण किया। उनके नेतृत्व में हमारे संस्थान ने सफलताओं एवं उपलब्धियों की आधारशिला रखी एवं इण्टरमीडिएट स्तर तक के कला एवं विज्ञान की शिक्षा के क्षेत्र में शानदार कीर्तिमान स्थापित किये।
आकस्मिक रुप से श्री रमुना प्रसाद जी का देहावसान 06 जनवरी 2015 को हो गया और श्री मोतीलाल प्रसाद जी ने संस्थान का उत्तरदायित्व ग्रहण किया। वर्तमान में उनके नेतृत्व में हमारा संस्थान दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति कर रहा है।
वर्तमान में हम राम नारायण डिग्री कालेज की स्थापना का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।